सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं
और एक उम्मीद -
एक दिया ऐसा भी हो , जो
भीतर तलक प्रकाश करे ,
एक दिया मुर्दा जीवन में ,
फिर आकर कुछ श्वास भरे |
एक दिया सादा हो इतना ,
जैसे साधु का जीवन ,
एक दिया इतना सुन्दर हो ,
जैसे देवों का उपवन |
एक दिया जो भेद मिटाए ,
क्या तेरा क्या मेरा है ,
एक दिया जो याद दिलाये ,
हर रात के बाद सवेरा है |
एक दिया उनकी खातिर हो ,
जिनके घर में दिया नहीं ,
एक दिया उन बेचारों का ,
जिनको घर ही दिया नहीं |
एक दिया सीमा के रक्षक ,
अपने वीर जवानों का ,
एक दिया मानवता-रक्षक ,
चंद बचे इंसानों का |
एक दिया विश्वास दे उनको ,
जिनकी हिम्मत टूट गयी ,
एक दिया उस राह में भी हो ,
जो कल पीछे छूट गयी |
एक दिया जो अंधकार का ,
जड़ के साथ विनाश करे ,
एक दिया ऐसा भी हो , जो
भीतर तलक प्रकाश करे ||
एक दिया ऐसा भी हो , जो
भीतर तलक प्रकाश करे ,
एक दिया मुर्दा जीवन में ,
फिर आकर कुछ श्वास भरे |
एक दिया सादा हो इतना ,
जैसे साधु का जीवन ,
एक दिया इतना सुन्दर हो ,
जैसे देवों का उपवन |
एक दिया जो भेद मिटाए ,
क्या तेरा क्या मेरा है ,
एक दिया जो याद दिलाये ,
हर रात के बाद सवेरा है |
एक दिया उनकी खातिर हो ,
जिनके घर में दिया नहीं ,
एक दिया उन बेचारों का ,
जिनको घर ही दिया नहीं |
एक दिया सीमा के रक्षक ,
अपने वीर जवानों का ,
एक दिया मानवता-रक्षक ,
चंद बचे इंसानों का |
एक दिया विश्वास दे उनको ,
जिनकी हिम्मत टूट गयी ,
एक दिया उस राह में भी हो ,
जो कल पीछे छूट गयी |
एक दिया जो अंधकार का ,
जड़ के साथ विनाश करे ,
एक दिया ऐसा भी हो , जो
भीतर तलक प्रकाश करे ||
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वाह!!सबके लिए हो एक दिया...रौशन जमीं-आकाश रहे
ReplyDeleteदीपावली की शुभकामनाएँ!!!
शुभकामनाएँ...सबके दिये प्रज्वलित रहें...
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत प्रस्तुति
ReplyDeleteमन के सुन्दर दीप जलाओ******प्रेम रस मे भीग भीग जाओ******हर चेहरे पर नूर खिलाओ******किसी की मासूमियत बचाओ******प्रेम की इक अलख जगाओ******बस यूँ सब दीवाली मनाओ
खूबसूरत मन के भाव ...
ReplyDeleteधनतेरस और दीपावली की शुभकामनाएँ
सोहन लाल द्विवेदी जी का एगो कबिता पढ़े थे बच्चा में.. अब त लाइनो याद नहीं रहता है.. "वन्दना के इन स्वरों में एक स्वर मेरा मिला लो!!" आज तुमरा कबिता में सबके नाम का दीवा बारने का बात सुनकर मन गदगद हो गया.. इस दीवाली पर परमात्मा से एही प्रार्थना है कि तुमरा प्रार्थना सुन लें.. मगर परमात्मा का हर बन्दा एही बात सोचने लगे तब्बे जाकर दीवाली असली दीवाली हो पाएगा!!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर कबिता!
.शुभ दीपावली
ReplyDeleteभीतर के प्रकाश वाला दिया बहुत आवश्यक हो गया है। मंगलकामनायें।
ReplyDeleteइस दीवाली ... यह मंगलकामना पूर्ण हो ...यही शुभकामना है
ReplyDeleteदीप पर्व की अनंत शुभकामनाएं
thanks for sharing..
ReplyDeleteसुंदर रचना जनाब, आपका अभिनंदन
ReplyDeleteबहुत सुंदर कविता । रेणु चन्द्रा
ReplyDeleteआकाश जी, आज किसी ने आपकी यह कविता दीपावली की शुभकामनाओं सहित भेजी । दीप से दीप जला ।
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